भारत ने यह बड़ी जीत प्राप्त करते हुए इंग्लैंड के खिलाफ 557 रनों का विशाल लक्ष्य तय किया और चौथे दिन में विरोधी टीम को पूरी तरह से लड़खड़ा दिखाया। पूरी टीम केवल 122 रन पर ही ढेर हो गई, जबकि जडेजा ने भी 5 विकेट लिए उन्होंने पहले इनिंग में बल्ले से भी सेंचुरी जड़ कर टीम को बड़ा योगदान दिया इस लिए उन्हें मैन द मैच चुना गया इसके अलावा कुलदीप ने २, रविचंद्रन अश्विन और जसप्रीत बुमराह ने भी एक-एक विकेट हासिल किया। इससे पहले, जयसवाल ने एक शानदार बल्लेबाजी के साथ अपना दूसरा दोहरा टेस्ट शतक पूरा किया, जबकि शुभमन गिल ने भी 91 रन बनाए, पर दुर्भाग्य से रन आउट हो गए।
भारतीय टीम ने अपने बेंच स्ट्रेंथ की दिखाई ताकत
इस जीत से भारतीय टीम ने अपनी ताकत दिखाई, यह मैच अपने आप में एक मिशाल हैं। ये टेस्ट मैच की शुरुआत होने से पहले ये बात कही जा रही थी की वर्त्तमान टीम का बैटिंग क्रम सबसे कमजोर हैं, और पहले दिन जब लंच से पहले ३ विकेट का ३३ रन में आउट होना इस बात को सही साबित कर रहा था। ये बात बिलकुल सही हैं के बिना विराट, राहुल ना बल्कि मैदान पर पेपर भी कमजोर लग रही थी , दो डेब्यू सरफ़राज़ और जुरेल का प्लेइंग के लिए होना, उसके अलावा जायसवाल, गिल, पाटीदार इन बल्लेबाज़ों का अनुभवहीन होना, बावजूद इसके एक मज़बूत इग्लेंड टीम को ४ दिन में इतने बड़े अंतर से हराना ये साबित करता हैं, भारतीय डोमेस्टिक क्रिकेट का ढाचा पुरे वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे मज़बूत हैं।
भारतीय हेड कोच राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा की भी तारीफ करनी
तारीफ मौजूदा सीनियर खिलाड़ियों की भी करनी होगी जिन्होंने कठिन समय में परफॉर्म कर के टीम को मुश्किल समय से निकला और टीम को मज़बूती प्रदान की , जी हा मैं बात रोहित शर्मा और रविंद्र जडेजा की कर रहा हू, जिन्होंने पहले पारी में टॉस जीत कर ३३ पर ३ विकेट थे और उस दौरान उन दोने के बिच २०२ रन की साझेदारी न होती तो शायद पहले पारी की तस्वीर कुछ और होती और शायद नतीजा भी कुछ और होता। साथ ही भारतीय हेड कोच राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा की भी तारीफ करनी होगी जिन्होंने इतने यंगस्टर को एक साथ मौके दिए वे सीनियर प्लेयर के अनुपस्थिति में कुछ पुराने प्लेयर को मौके देकर डिफेंसिव अप्प्रोच दिखा सकते थे लेकिन उन्होंने ये बहुत बड़ा जोखिम लिया के उन्होंने नए प्लेयर को मौके दिए, और अच्छी बात ये हैं के उन्होंने परफॉर्म कर के उनके इस निर्णय को सही साबित किया, ये उल्टा हो सकता था तो लोग शायद विराट और राहुल जैसे बड़े खिलाड़ियों की गैरमौज़ूदगी में पुजारा, रहाणे और विहारी जैसे सीनियर खिलाड़ियों को मौके देनी की बात कह सकते थे।
भारत टर्निंग विकेट के बिना भी जीत सकता हैं
भारत में पिछले कुछ समय से टर्निंग विकेट पर मेहमान टीम को खिलाने की प्रथा चली आ रही है जिसमे, लेकिंन इस सीरीज के पहले मैच में हार के वजह से भारतीय टीम मेनेजमेंट को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी, मौजूदा सीरीज के लास्ट दो मैचों में स्पोर्टिंग विकेट तैयार की गई जिसमे विकेट पहले दिन से टर्न होने के बजाय बैटिंग के लिए बेहतर थी, जिसकी वजह से भारतीय बल्लेबाजों को अच्छा स्कोर करने में मदद मिली साथ ही टर्निंग विकेट पार्ट-टाइम स्पिनर भी घातक हो जाते थे। जैसे पहले टेस्ट में जो रुट एक सफल गेंदबाज थे, और उन्हें भारतीय बल्लेबाजों को खेलना काफी मुश्किल हो रहा था। भारतीय समर्थ और एक्सपर्ट का भी ये ही कहना हैं, की भारतीय टीम को एक स्पोर्टिंग विकेट ही मेहमान टीम को देना चाहिए, क्योकि भारतीय गेदबाज में वो स्किल हैं, जो बेजान पिच पर भी विकेट चटका सकते हैं, जिसका मुजायरा सभी ने दूसरे टेस्ट में देखा ही बूमरा ने अपने रिवर्स स्विंग से एक इनिंग में ६ विकेट और मैच में १० विकेट लेकर मेहमान टीम को पूरी तरह से बैकफूट में धकेल दिया।
भारतीय टीम की अब तक सबसे बड़ी जीत
रनों के अंतर के लिहाज से टेस्ट क्रिकेट में यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी जीत हैं. भारत इस शानदार जीत के साथ ही पांच मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है. कप्तान रोहित शर्मा की नेतृत्व में भारत ने पहली बार टेस्ट मैच में 400 से अधिक रनों से जीत दर्ज की है।